


कोरोनावायरस संक्रमण के मामले हाल के दिनों में भारत-अमेरिका सहित कई देशों में तेजी से बढ़ते हुए देखे गए। भारत में फिलहाल संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है। 15 जून को जहां कुल एक्टिव केस 7400 थे, वह 21 जून को घटकर 5000 के करीब 5012 रह गए हैं। बीते 24 घंटे में 1197 लोग या तो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं या अस्पताल से ठीक होकर घर लौट गए हैं।
बीते दिनों भारत में एक्टिव केस में भले ही कमी आई है, हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कोरोना को हल्के में लेने की भूल नहीं करनी चाहिए। वायरसहमेशा हमारे आसपास ही रहता है और नए म्यूटेशन या लोगों की कमजोर होती इम्युनिटी के कारण बार-बार एक्टिव हो जाता है। इस खतरे को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है, हमें कोरोना के साथ रहना सीख लेना होगा।
भारत में कोरोना के चार वैरिएंट्स एक्टिव
भारत में कोरोना के मामलों की बात करें तो पता चलता है कि यहां दो वैरिएंट्स निंबस (Nimbus) और स्ट्राटस (Stratus) सबसे ज्यादा प्रभावी देखे जा रहे हैं। एनबी.1.8.1 को अनौपचारिक रूप से “निंबस” उपनाम दिया गया है, वहीं एक्सएफजी को स्ट्राटस कहा जा रहा है।
कोरोना के साथ जीना सीखना होगा
कोविड विशेषज्ञों का कहना है कि फ्लू वायरस की ही तरह से कोरोनावायरस भी हमेशा हमारे बीच रहने वाला है, इसलिए हमें इस वायरस के साथ जीना सीख लेना होगा। कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए उच्च जोखिम समूह (65 साल से अधिक उम्र, कोमोरबिडिटी के शिकार) वाले लोगों को सालाना डॉक्टर की सलाह के आधार पर कोविड-19 टीकाकरण जरूर कराना चाहिए।